Mahashivratri 2025 की सही date , समय,पूजा विधि, व्रत पारण की पूर्ण जानकारी क्या करें क्या नहीं

MahaShivratri 2025 Special- संपूर्ण जानकारी 

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि को लेकर अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं कि इनमें अंतर क्या है  उसके बारे में हमने पहले ही जानकारी दे दी है आज हम बात करेंगे  महाशिवरात्रि 2025 के बारे में -महाशिवरात्रि 2025 हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन शिवभक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है, जब वे व्रत (Mahashivratri Vrat Kab Hai 2025) रखते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन भक्तजन महाशिवरात्रि पूजा विधि (Mahashivratri Puja Vidhi) के अनुसार शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और महाशिवरात्रि व्रत कथा (Mahashivratri Vrat Katha) का पाठ कर शिव कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

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महाशिवरात्रि 2025 कब है? (Mahashivratri Kab Hai 2025) – यह सवाल हर शिव भक्त के मन में रहता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे महाशिवरात्रि 2025 की तिथि (Maha Shivratri 2025 Date), शुभ मुहूर्त (Mahashivratri Shubh Muhurat 2025), पूजा विधि (Shivratri Puja Vidhi), व्रत नियम (Maha Shivratri Puja Ke Niyam) और व्रत पारण (Shivratri Vrat Puran) की सम्पूर्ण जानकारी।

 महाशिवरात्रि कब है? 2025 mahashivratri kis din hai

हर हर महादेव! महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे पवित्र पर्वों में से एक है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का उत्सव मानी जाती है। इस दिन भगवान शिव की आराधना, व्रत, और रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि को शिव भक्तों के लिए मोक्ष प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है।

साल 2025 में महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे महाशिवरात्रि के तिथि, शुभ मुहूर्त, चार पहरों की पूजा विधि, अभिषेक सामग्री और इस दिन के महत्व के बारे में। अगर आप यह जानना चाहते हैं कि महाशिवरात्रि 2025 कब है और इस पर्व को सही तरीके से कैसे मनाएं, तो यह लेख आपके लिए है।

महाशिवरात्रि किस कारण है ख़ास 

जो लोग नहीं जानते उनके मन में यह विचार आता होगा कि महाशिवरात्रि किस कारण इतनी खास है क्या महत्व रखती है  तो जैसा कि आप सभी को पता होगा कि महाशिवरात्रि का अर्थ है “शिव की महान रात्रि”। यह  त्योहार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।  यह शुभ दिन बहुत अधिक महत्व रखता है  खासकर उन लोगों के लिए जो भगवान भोलेनाथ के परम भक्त हैं और जो लोग भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ माता पार्वती की भी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं|

इस दिन चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि चार पहरों में भगवान शिव का जल, दूध, घी, दही, और शहद से अभिषेक करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, और उन्हें धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि 2025 की तिथि और समय 

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 26 फरवरी 2025, बुधवार, सुबह 11:09 बजे

  • चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 फरवरी 2025, गुरुवार, सुबह 08:54 बजे

शिवरात्रि का व्रत: 26 फरवरी को सूर्योदय से शुरू होकर 27 फरवरी के सूर्योदय तक चलेगा। इस दौरान भक्त भगवान शिव की पूजा, अभिषेक, और व्रत रखेंगे।

महाशिवरात्रि के शुभ मुहूर्त mahashivratri shubh mahurat

  1. प्रदोष काल: 26 फरवरी, बुधवार, शाम 5:04 बजे से 7:10 बजे तक
  2. निशीथ काल: रात 12:09 बजे से 12:59 बजे तक
  3. अमृत काल: सुबह 6:02 बजे से 7:31 बजे तक
  4. रात्रि के चार पहर का समय:
    • पहला पहर: शाम 6:19 बजे से 9:26 बजे तक
    • दूसरा पहर: रात 9:26 बजे से 12:34 बजे तक
    • तीसरा पहर: रात 12:34 बजे से सुबह 3:41 बजे तक
    • चौथा पहर: सुबह 3:41 बजे से 6:48 बजे तक

 

महाशिवरात्रि की पूजा विधि

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा चार पहरों में की जाती है। प्रत्येक पहर की पूजा के लिए विशेष सामग्री और मंत्र का उपयोग होता है। यदि चार पहरों की पूजा करना संभव न हो, तो कम से कम पहले और अंतिम पहर में पूजा अवश्य करें।

चार पहरों की पूजा सामग्री और मंत्र:

  1. पहला पहर:
    • अभिषेक सामग्री: दूध
    • मंत्र: “ॐ ह्रीं ईशानाय नमः”
  2. दूसरा पहर:
    • अभिषेक सामग्री: दही
    • मंत्र: “ॐ ह्रीं अघोराय नमः”
  3. तीसरा पहर:
    • अभिषेक सामग्री: घी
    • मंत्र: “ॐ ह्रीं वाम देवाय नमः”
  4. चौथा पहर:
    • अभिषेक सामग्री: शहद
    • मंत्र: “ॐ ह्रीं सद्योजाताय नमः”

विशेष पूजा विधि:

पूरी जानकारी के लिए आपके लिए special ये विडियो तैयार किया है …ज्यादा से जयादा शिवभक्त इस विडियो को शेयर करें और भगवन भोलेनाथ की कृपा पाएं —ॐ नमः शिवाय कमेंट में लिखना ना भूलें

  • शिवलिंग पर जल, दूध, घी, दही, और शहद अर्पित करें।
  • बेलपत्र, धतूरा, और फूल चढ़ाएं।
  • शिवजी के पंचाक्षर मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
  • रात्रि जागरण करें और चार प्रहर में भगवान शिव की पूजा करें।

महाशिवरात्रि व्रत कैसे रखें 

महाशिवरात्रि पर व्रत रखना बेहद शुभ माना जाता है। यह व्रत पापों का नाश करता है और शिव भक्तों को मोक्ष की ओर ले जाता है।  लोग शारीरिक रूप से कमजोर हैं  जिन या जो बहाने प्रेग्नेंट है या जिन भाई बहनों की दवाई चल रही है वह अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही व्रत रखें यदि डॉक्टर व्रत रखने की सलाह देता है तो आपको फलाहार व्रत रखना चाहिए यदि डॉक्टर व्रत रखने को मन करता है तो ऐसे में आपको व्रत नहीं रखना चाहिए बस आपको अपनी श्रद्धा आस्था के साथ भगवान भोलेनाथ की मानसिक पूजा करने की ही हम सलाह देते हैं|

व्रत रखने के तरीके:

  1. निर्जल व्रत: इस व्रत में भक्त पूरा दिन बिना कुछ खाए-पीए रहते हैं।
  2. फलाहार व्रत: कुछ भक्त दिनभर फलाहार ग्रहण करते हैं।
  3. मानसिक पूजा: जो व्रत नहीं रख सकते, वे भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप कर सकते हैं।

व्रत का पारण (Breaking the Fast):

  • व्रत का पारण अगले दिन 27 फरवरी को सुबह 6:53 से 8:54 के बीच किया जाएगा।
  • पारण से पहले भगवान शिव को जल चढ़ाएं और प्रसाद ग्रहण करें।

महाशिवरात्रि पर बन रहे शुभ योग 2025 की महाशिवरात्रि पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इसे और भी पवित्र बना रहे हैं:

  • शिव योग: यह योग सुबह से रात 11:41 बजे तक रहेगा।
  • सिद्धि योग: शिव योग के बाद सिद्धि योग प्रारंभ होगा।
  • अमृत काल: सुबह 6:02 बजे से 7:31 बजे तक।
  • भद्रा: यह सुबह 1:18 बजे से रात 10:05 बजे तक पाताल लोक में रहेगी, इसलिए पूजा पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

 

महाशिवरात्रि के लाभ (Benefits of Maha Shivratri)

  1. पापों का नाश: महाशिवरात्रि पर व्रत और पूजा करने से पिछले जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।
  2. मनोकामनाओं की पूर्ति: भगवान शिव की कृपा से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। यदि कोई अधूरी इच्छा है जो पहले पूरी नहीं हो पाई है तो इस बार आप पूरे विधि विधान पूर्वक महाशिवरात्रि का व्रत रखे और पूरी श्रद्धा आस्था के साथ भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना करें ऐसा करने से अधूरी इच्छा की शीघ्र पूर्ति हो जाती है|
  3. मोक्ष की प्राप्ति: यह दिन आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
  4. आध्यात्मिक शुद्धि: रात्रि जागरण और शिवलिंग का अभिषेक मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि प्रदान करता है।

महाशिवरात्रि पर क्या करें और क्या न करें? 🕉️🚩

🔱 महाशिवरात्रि भगवान शिव का परम पावन दिन है, जिसे श्रद्धालु उपवास, पूजा और साधना के साथ मनाते हैं। इस दिन सही नियमों का पालन करना शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि पर क्या करना चाहिए और क्या करने से बचना चाहिए।

 

✅ महाशिवरात्रि पर क्या करें?

1️⃣ भोलेनाथ की पूजा करें 🙏

  • शिवलिंग पर दूध, जल, बेलपत्र, धतूरा, भांग और फल अर्पित करें।
  • “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

2️⃣ रुद्राभिषेक करें 🌊

  • महाशिवरात्रि पर गंगाजल, दूध, दही, शहद और पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।
  • इससे जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

3️⃣ उपवास रखें 🍏

  • इस दिन उपवास रखने से मन और शरीर शुद्ध होता है।
  • फल, दूध और साबूदाना जैसी सात्विक चीजों का सेवन करें।

4️⃣ रात्रि जागरण करें 🌙

  • पूरी रात भगवान शिव की भक्ति करें और शिव पुराण या शिव कथा का पाठ करें।
  • “महामृत्युंजय मंत्र” और “ॐ नमः शिवाय” का जप करें।

5️⃣ दान करें 🎁

  • गरीबों और जरुरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा दान करें।
  • इस दिन शिव मंदिर में तिल, चावल और घी का दान शुभ माना जाता है।

 

❌ महाशिवरात्रि पर क्या न करें?

1️⃣ तामसिक भोजन और नशे से बचें 🚫

  • मांसाहार, शराब, प्याज, लहसुन और नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
  • यह दिन पवित्रता और संयम का प्रतीक है।

2️⃣ शिवलिंग पर हल्दी और केतकी फूल न चढ़ाएं ❌🌼

  • हल्दी को स्त्रियों के सौंदर्य से जोड़ा जाता है, जो भगवान शिव को नहीं चढ़ाई जाती।
  • केतकी का फूल श्रापित माना गया है, इसलिए इसे शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता।

3️⃣ शिवलिंग पर नारियल का जल न चढ़ाएं 🥥🚫

  • भगवान शिव को नारियल अर्पित किया जाता है, लेकिन उसका पानी नहीं चढ़ाना चाहिए।

4️⃣ दूसरों का अनादर न करें

  • इस दिन झूठ बोलने, गाली-गलौज और किसी को अपमानित करने से बचें।
  • भगवान शिव करुणा और क्षमा के देवता हैं, इसलिए शांत और विनम्र रहें।

5️⃣ सोने से बचें और रात्रि जागरण करें 🌙🚫

  • इस रात को सोने की बजाय भजन-कीर्तन और ध्यान करें।
  • इससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

 

महाशिवरात्रि भगवान शिव के भक्तों के लिए सबसे बड़ा पर्व है। यह दिन शिव जी की कृपा प्राप्त करने, पापों से मुक्त होने और मोक्ष की ओर बढ़ने का विशेष अवसर प्रदान करता है। 2025 में महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी, जो कि एक शुभ बुधवार है।

इस दिन शिव भक्तों को चार प्रहर की पूजा, रात्रि जागरण, और व्रत के माध्यम से भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। यदि चार प्रहर की पूजा संभव न हो, तो कम से कम प्रथम और अंतिम पहर में पूजा जरूर करें।

हर हर महादेव! इस महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की कृपा आप पर बनी रहे। 🕉️✨

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